۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
अल्लामा सैय्यद नजमुल हसन रिज़वी करारवी

हौज़ा/  पेशकश: दनिश नामा ए इस्लाम, इन्टरनेशनल  नूर माइक्रो फ़िल्म सेंटर दिल्लील्लामा सय्यद काविश: मौलाना सैयद ग़ाफ़िर रिज़वी छौलसी व मौलाना सैयद रज़ी ज़ैदी फंदेड़वी

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अल्लामा सय्यद नज्मुल हसन रिज़वी करार्वी सन तेरह सौ सेंतीस हिज्री में करारी ज़िला अलाहबाद सूबा यूपी में पैदा हुए । आप के वालिद सय्यद मौहम्मद फ़ैज़ रिज़वी थे ।

इब्तेदाई तालीम अपने वतन में हासिल की फिर सन उन्नीस सौ सत्ताईस ईस्वी में मद्रसा ए नाज़मिया लखनऊ का रुख़ किया और वहाँ तीन साल तक कस्बे फ़ैज़ किया उसके बाद मद्रसा ए सुल्तानुल मदारिस में तालीम हासिल की और सन उन्नीस सौ अड़तीस में सदरुल अफ़ाज़िल की सनद दर्याफ़्त करने के बाद मद्रासतुल वाएज़ीन में मशगूले तालीम हो गए, आप अपने ज़माने के कम नज़ीर मौअल्लिफ़ो मुतर्जिम थे ।

अल्लामा के मारूफ़ असातेज़ा में से चंद क़ाबिले ज़िक्र असातेज़ा के अस्माए गिरामी मुंदर्जा ज़ैल हैं:

(१)नज्मुल मिल्लत आयतुल्लाह सय्यद नज्मुल हसन रिज़वी अमरोहवी । (२)नासेरूल मिल्लत आयतुल्लाह सय्यद नासिर हुसैन किंतूरी । (३)नादेरतुज़्ज़मन अल्लामा सय्यद इब्ने हसन नुनहरवी । (४)ज़हीरुल मिल्लत अल्लामा ज़हूर हुसैन । (५)शमसुल ओलमा मौलाना सय्यद इब्ने हसन । (६)मौलाना सय्यद आलिम हुसैन वगेरा ।

मौसूफ़ ने बहुत ज़ियादा दीने इस्लाम की ख़िदमात अंजाम दीं जिन में से मुंदर्जा ज़ैल ख़िदमात क़ाबिले ज़िक्र हैं:

- सत्रह जनवरी सन उन्नीस सौ इक्तालीस ईस्वी में करारी ज़िला इलाहबाद में अम्जदिया नामी मदरसे की बुन्याद रखी जो आज भी क़ाएमो दाएम है ।

- सन उन्नीस सौ तेंतालीस ईस्वी में अलवाइज़ नामी मैगज़ीन की मुदीरियत आप के सुपुर्द कर दी गई ।

- हिंदुस्तान की तक़्सीम के वक़्त पेशावर का रुख़ किया और वहाँ भी दीनी ख़िदमात अंजाम दीं ।

- सन उन्नीस सौ अड़तालीस ईस्वी में पेशावर में एक अंजुमन बनाई गई जिस का नाम “मजलिसे ओलमा ए शिया” रखा गया , इस अंजुमन का नाज़िमे आला आप ही को क़रार दिया गया ।

- सन उन्नीस सौ पचास ईस्वी में शेहाबे साक़िब के नाम से एक हफ़्त रौज़ा अख़्बार निकाला जो आज भी निकलता है ।

- सन उन्नीस सौ चौहत्तर ईस्वी में इस्लामी नज़रयाती काउंसिल पाकिस्तान के रुक्न क़रार पाए और तीन साल तक इस ओहदे पर बरक़रार रहे ।

अल्लामा करार्वी ने मूताअद्दिद किताबें तालीफ़ फ़रमाईं जिन में से मुंदर्जा ज़ैल किताबों के अस्मा क़ाबिले ज़िक्र हैं:

(१)चौदह सितारे (२)बहत्तर तारे (३)तारीख़े इस्लाम (४)ज़िक्रुल अब्बास (५)मुख़्तारे आले मौहम्मद (६)रूहुल क़ुरआन (७)अल गेफ़ारी (८)नस्से ख़िलाफ़त (९)हाशिया ए लवाएजुल एहज़ान वगेरा ।

आख़िर कार इस इल्मो अदब के ख़ज़ाने ने माहे रमाज़ानुल मुबारक सन चौदह सौ दो हिज्री में शहरे पेशावर में दाइए अजल को लब्बैक कहा और वहीं सुपुर्दे ख़ाक किए गए । आप के जनाज़े में पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर “ज़िया उल हक़” और दीगर ओहदेदारान शरीक हुए नीज़ आप की रहलत पर ताज़ियती पैगामात भी इर्साल किए ।

माखूज़ अज़: नुजूमुल हिदाया, तहक़ीक़ो तालीफ़ : मौलाना सैयद ग़ाफ़िर रिज़वी फ़लक छौलसी व मौलाना सैयद रज़ी ज़ैदी फंदेड़वी जिल्द-३ पेज-३०३ दानिशनामा ए इस्लाम इंटरनेशनल नूर माइक्रो फ़िल्म सेंटर, दिल्ली, २०१९ ईस्वी।

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